नागपुर न्यूज डेस्क: महाराष्ट्र में खराब सड़कें और गड्ढों ने दो परिवारों के 19 वर्षीय नौजवानों की जान ले ली। पालघर के हेमंत पाटिल और नागपुर के महेंद्र फाटिंग दोनों दिनभर काम करने के बाद घर लौट रहे थे, लेकिन यह सफर उनके लिए अंतिम साबित हुआ।
पालघर में हेमंत पाटिल स्कूटर से वडा-भिवंडी हाईवे पर जा रहे थे, तभी उनका वाहन एक ट्रेलर से टकरा गया और फिसल गया। हादसे में हेमंत की मौके पर ही मौत हो गई। वह ब्लू स्टार कंपनी में काम करते थे और परिवार में अकेले कमाने वाले थे।
नागपुर में महेंद्र फाटिंग अपनी बाइक से जा रहे थे, जब पानी भरे गड्ढे में बाइक गिर गई और उन्हें गंभीर चोटें आईं। मौके पर ही उनकी मौत हो गई। महेंद्र पूर् पार्षद सरिता इश्वर कवरे के भतीजे थे। उनका शव पोस्टमार्टम के लिए मेयो अस्पताल भेजा गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि शहर में विकास के दावे तो बड़े-बड़े किए जाते हैं, लेकिन सड़कों की हालत बेहद खराब है, और प्रशासन की लापरवाही के कारण हादसे बढ़ रहे हैं।
प्रशासन का ध्यान खींचने के लिए नागरिकों ने अनोखा तरीका अपनाया। गड्ढों पर माला चढ़ाई और उन्हें ‘मौत के गड्ढे’ कहकर संबोधित किया। नासिक से त्र्यंबकेश्वर मंदिर तक बनी सड़क पर कई बड़े गड्ढे पहले भी लोगों की जान ले चुके हैं। इस मामले पर नेताओं ने भी आवाज उठाई। नेशनलिस्ट यूथ कांग्रेस ने मृतकों की याद में विशेष कार्यक्रम आयोजित किया, जबकि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) की सांसद सुप्रिया सुले ने सोशल मीडिया पर खराब सड़कों की तस्वीरें साझा कीं।